अवैध माइनिंग के लिए, यमुनानगर में सुपर एक्टिव है व्हाटसएप रेकी ग्रुप, छोड़े गए हैं फील्डर

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यमुनानगर/मोहित वर्मा
यमुनानगर जिले में माइनिंग बड़े पैमाने पर होती है अगर ये कहा जाए कि अवैध माइनिंग भी बड़े पैमाने पर होती है तो गलत नहीं है। अवैध माइनिंग में किसी तरह की बाधा ना आए। इसके लिए व्हाटसएप पर रेकी ग्रुप बनाया गया है। जिससे हर गतिविधि पर पैनी नजर रखी जा सके और प्रशासनिक अधिकारियों की आंखों में धूल झोंकी जा सके।

बता दें यमुनानगर जिले के रादौर कस्बे में अवैध माइनिंग और ओवरलोड वाहनों को बढ़ावा देने के लिए रेकी ग्रुप व्हाटसएप पर काफी सक्रिय नजर आ रहे हैं। ये रेकी ग्रुप हरियाणा सरकार को करोड़ों रुपए की चपत लगा रहे हैं। इन ग्रुपों में हजारों नंबर जुड़े हैं इस तरह ये ग्रुप जहां अवैध कारोबार को बढ़ावा दे रहे हैं।

तो दूसरी तरफ सरकार के लिए एक चुनौती बनते जा रहे हैं। इन रेकी ग्रुप का काम है जो भी सरकारी अधिकारी माइनिंग जोन में एंट्री करता है ये हर चौक चौराहे पर खड़ा फील्डर इनकी रेकी करके ग्रुप में जुड़े लोगों को अलर्ट कर देता है जिससे अवैध माइनिंग से जुड़े लोग सतर्क हो जाते हैं।

एंटी करप्शन सोसाइटी के प्रदेशाध्यक्ष और एडवोकेट वरयाम सिंह ने कहा कि रेकी ग्रुप के जरिए बड़े-बड़े गैर कानूनी काम इन ग्रुपों के जरिए हो रहे हैं। लेकिन छोटे से लेकर बड़े अधिकारी तक इन ग्रपों के बारे में जानते हैं लेकिन इन ग्रपों पर कंट्रोल नहीं लगा है।

वरयाम सिंह ने कहा कि हमने साल 2020 में इन ग्रुपों के खिलाफ एक मामला दर्ज कराया था और इसके लिए एक SIT बनी थी लेकिन वो सिर्फ कागजों तक ही सीमित रह गई। उन्होने हरियाणा सरकार से मांग की है कि अगर अवैध माइनिंग पर रोक लगानी है तो इन ग्रुपों का नामोंनिशान मिटाना होगा अगर समय रहते एक्शन नहीं लिया गया तो उसका भुगतभोगी यमुनानगर बाढ प्रभावित क्षेत्र होगा।

वहीं खनन विभाग दावा कर रहा है कि हमें पता है कि अवैध माइनिंग हो रही है जिसको लेकर विभाग पूरी तरह से सख्त है। खानन विभाग के अधिकारी चंद्र भूषण तिवारी ने बताया कि फिलहाल हमारा फोकस यमुनानगर के उत्तर क्षेत्र की ओर है जल्दी हम प्राइवेट वाहनों के जरिए रेकी ग्रुप चलाने वाले गिरोह का पर्दाफाश करेंगे।