एडिट : सोहन पोरिया
किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने एमएसपी के कानूनी अधिकार पर सभी प्रमुख राजनीतिक दलों से अपनी स्थिति स्पष्ट करने का आग्रह किया। सरकारी डॉक्टरों की टीम ने उनके स्वास्थ्य की जांच की। किसान नेताओं ने केंद्र सरकार पर अपनी अप्राकृतिक दृष्टिकोण अपनाने का आरोप लगाया।
किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल का अनशन जारी है। उन्होंने प्रमुख राजनीतिक दलों के अध्यक्षों को पत्र लिखकर एमएसपी पर अपना रुख स्पष्ट करने का आग्रह किया। डल्लेवाल 46 दिनों से अनशन पर हैं। गुरुवार को पटियाला के एसएसपी नानक सिंह के साथ सरकारी डॉक्टरों की एक टीम उनकी सेहत की जांच करने खनौरी बॉर्डर पर पहुंची।
डॉक्टरों ने अल्ट्रासाउंड सहित कई जांचें कीं और खून के नमूने भी लिए। रिपोर्ट आज दोपहर 2 बजे तक देने का आश्वासन दिया गया है। सुप्रीम कोर्ट में आज ही इस मामले की सुनवाई होनी है। डॉक्टरों ने बताया कि डल्लेवाल की हालत बिगड़ रही है और चिंता का विषय है।
डल्लेवाल ने अपने पत्र में ज़ोर देकर कहा कि किसान मंच गैर-राजनीतिक है, लेकिन केंद्र पर दबाव बनाने के लिए राजनीतिक समर्थन ज़रूरी है। इससे एमएसपी की मांग पूरी हो सकेगी। बीजेपीने अकाल तख्त जत्थेदार को पत्र लिखकर दल्लेवाल का अनशन खत्म करवाने का अनुरोध किया था। किसान नेताओं ने बीजेपी के इस कदम की आलोचना की। उन्होंने सवाल उठाया कि अगर बीजेपी सचमुच डल्लेवाल की सेहत को लेकर चिंतित है, तो वह इस मामले पर केंद्र से बातचीत क्यों नहीं करवाती?
किसान नेताओं सर्वण सिंह पंधेर और अभिमन्यु कोहाड़ ने कहा कि केंद्र सरकार अपने ही लोगों के प्रति अमानवीय रवैया अपना रही है। ये लोग अपने हक के लिए आवाज उठा रहे हैं। लोकतांत्रिक तरीके से चुनी हुई सरकार को हर आवाज सुननी चाहिए और उस पर उचित प्रतिक्रिया देनी चाहिए। इससे पहले, जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी छात्र संघ के सदस्य अपने अध्यक्ष धनंजय के नेतृत्व में खनौरी पहुँचे। उन्होंने दल्लेवाल से मुलाकात की और उन्हें समर्थन का आश्वासन दिया।