जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण की ओर से लोगों को उनके अधिकारों एवं कानून से संबंधी दी जा रही जानकारी

बिलासपुर/सोहन पोरिया
तीर्थराज श्री कपाल मोचन मेला में प्रशासन द्वारा लगाई प्रदर्शनी में विभिन्न विभागों एवं संस्थाओं द्वारा स्टॉल लगाकर अपने अपने विभाग व संस्थाओं से संबंधित विभिन्न प्रकार की जनकल्याणकारी नीतियों एवं योजनाओं की जानकारी दी जा रही। मेले में प्रदर्शनी देखने आने वाले लोगों को जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण की ओर से उनके अधिकारों एवं कानून से संबंधी जानकारी विस्तार से दी जा रही है। जिसमें वरिष्ठ नागरिकों की भरण-पोषण से संबंधित अधिकार तथा माता-पिता एवं वरिष्ठ नागरिकों का भरण-पोषण एवं कल्याण अधिनियम-2007 के बारे में भी विस्तार से जानकारी दी जा रही है। इसके अलावा बंधुआ मजदूरी तथा मौलिक कर्तव्यों के बारे भी बताया जा रहा है।

मेला श्री कपाल मोचन में लोगों को उनके अधिकारों एवं कानून की जानकारी देने के लिए जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से लगाए गए स्टॉल पर पैनल अधिवक्ता अमनदीप मित्तल तथा पीएलवी मलकीत सिंह द्वारा लोगों को उनके अधिकार व कानूनों की विस्तार से जानकारी दी जा रही है। उन्होंने बताया कि आम जनता को कम समय में न्याय मिले इसके लिए समय-समय पर राष्ट्रीय लोक अदालत व स्थानीय लोक अदालते आयोजित की जाती है। लोक अदालतें शीघ्र व सस्ते न्याय का सबसे बेहतर माध्यम हैं और इससे न केवल केसों में शामिल दोनों पक्षों के समय और धन की बचत होती है बल्कि आपसी सहमति से मामलों का निपटारा होने से संबंधों की कटुता भी समाप्त होती है।

आपसी सहमति से हल हो सकने वाले मामलों में लोक अदालत बहु

कपाल मोचन मेला में प्रशासन द्वारा लगाई प्रदर्शनी में विभिन्न विभागों एवं संस्थाओं द्वारा स्टॉल लगाकर अपने अपने विभाग व संस्थाओं से संबंधित विभिन्न प्रकार की जनकल्याणकारी नीतियों एवं योजनाओं की जानकारी दी जा रही। मेले में प्रदर्शनी देखने आने वाले लोगों को जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण की ओर से उनके अधिकारों एवं कानून से संबंधी जानकारी विस्तार से दी जा रही है।

त ही कारगर सिद्ध हो रही हैं और लोक अदालत में सुनाए गए फैसले की भी उतनी ही अहमियत है जितनी सामान्य अदालत में सुनाए गए फैसले की होती है। उन्होंने यह भी बताया कि लोक अदालत में सुनाए गए फैसले के खिलाफ अपील दायर नहीं की जा सकती। लोक अदालत में सस्ता और सुलभ न्याय मिलता है। राष्ट्रीय लोक अदालतों में ना तो किसी पक्ष की हार होती है और ना ही जीत बल्कि दोनों पक्षों की आपसी सहमति से विवादों का समाधान करवाया जाता है। इस अवसर पर शैलेन्द्र भंडारी भी मौजूद रहें।

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