यमुनानगर/मोहित वर्मा
आमजन को साईबर अपराधों और उनसे बचने के बारे में जागरूक करने के लिए पुलिस विभाग द्वारा प्रयास लगातार जारी है। पुलिस अलग-अलग तरीकों से आमजन को जागरूक करने में जुटी है। पुलिस ने इस विषय बारे अधिक से अधिक लोगों को जागरूक करने का बीड़ा उठाया है। पुलिस विभाग द्वारा जहां शिक्षण संस्थानों में विधार्थियों को जागरूक कर रही है वहीं आम लोगों को जागरूक करने के लिए विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम आयोजित किये जा रहें हैं।
पुलिस अधीक्षक राजीव देसवाल ने जानकारी देते हुए बताया कि साईबर ठगों के निशाने पर हर वह आदमी है, जो किसी भी डिजिटल माध्यम से जुड़ा है फिर चाहे वह इंटरनेट मीडिया हो या फिर इंटरनेट बैंकिंग। बदलते वक्त के साथ साईबर ठगों ने अपने पैंतरे भी बदले हैं। साईबर ठग इंटरनेट मीडिया के जरिए लोगों के पास किसी कभी एप्लीकेशन के माध्यम से फ्रैंड रिक्वेस्ट भेजते हैं, कभी पेंसन स्कीम का लालच देते हैं।
साइबर ठग कभी फर्जी लोन एप्प के माध्यम से, कभी कॉल फॉरवर्डिंग करके और कभी किसी व्यक्ति की ई-मैल, व्यटसअप, फेसबुक आईडी को हैक करके तो कभी डिजिटल अरेस्ट का दर दिखाकर साईबर ठगी का शिकार बनाने से नहीं चुकते। इन सब तरीको से वो व्यक्ति के बारे में समस्त जानकारियाँ जुटा लेते हैं। उसके बाद वह उनकी निजी फोटो/बैंक खातों से संबंधी जानकारी भी एकत्रित कर लेते हैं और अपने जाल में फंसाकर उनके खाते में जमा पूंजी को खाली कर देते हैं। आमजन को इस बात का ख्याल रखना चाहिए कि वह अपने इंटरनेट मीडिया अकाउंट व बैंकिंग एप्स को सुरक्षित लॉक करके रखें तथा हमेशा सतर्क रहें तथा किसी लालच में ना आएं और डरें नहीं।
पुलिस अधीक्षक ने कहा कि साइबर जालसाजी से बचने का सबसे बेहतर तरीका है उसके बारे में जागरूक होना। लेकिन फिर भी अगर फ्राड हो जाये तो घबराने की बजाए नेशनल साइबर हेल्पलाइन 1930 पर कॉल करें। अगर साइबर हेल्पलाइन पर समय रहते शिकायत की जाए तो आम आदमी की मेहनत की कमाई बचाई जा सकती है। 1930 पर तुरन्त शिकायत करनें पर आपका पैसा सुरक्षित वापिस आ सकता है ।