कैथल/मोहित वर्मा
युवाओं पर व्हीकल की मॉडिफिकेशन का जुनून इस कदर हावी है कि व्हीकल की शक्ल सूरत तक पहचानना मुश्किल हो जाता है कि आखिर ये है क्या ? युवा अपने वाहनों को इस तरह से मॉडिफाइड करवाते हैं की ट्रैफिक नियमों को ताक पर रखकर सड़क पर उतरते हैं. ऐसे में बुलेट बाईक के साइलेंसर की बात हो या फिर गाड़ी के चौड़े चौड़े टायर की बात हो…युवा शौक के आगे सारे नियमों की धज्जियाँ उड़ाते नजर आते हैं।
कैथल में मोडिफिकेशन का एक ताज़ा मामला सामने आया जिसके विषय मे सुनकर आप चौंक जाएंगे। मामला यूं था कि ट्रैफिक पुलिस ने एक 24 इंच चौड़े टायर डलवाई थार जीप का रोककर चालान किया। मॉडिफाइड थार का 23 हज़ार का चालान किया गया व गाड़ी को इंपाउंड क़र दिया गया क्योंकि ना तो मौके पर उसके कोई कागज़ थे और गाड़ी को ट्रैफिक नियमों के खिलाफ़ मॉडिफाइड करवाया गया था। गाड़ी में लगभग दो फ़ीट चौड़े टायर डले थे…आगे पीछे मोटे मोटे अक्षरों में प्रभावशाली जातिसूचक शब्द लिखें थे इसके अलावा भी बहुत सी ऐसी चीजें लगाई गई थी जो ट्रैफिक नियमों के खिलाफ थी।
असली बात निकलकर तब सामने आई जब चालान करने के बाद मॉडिफाइड थार को पुलिस थाने ले जाकर रिकॉर्ड खंगाला गया तो असल मे ये एक 19 साल पुरानी बोलेरो निकली। बोलेरो गाड़ी डबवाली शहर में एक्सीडेंट हुई थी जिसके बाद इसे कबाड़ी को बेच दिया गया। जिसके बाद कबाड़ी से बोलेरो को खरीदकर इसे नई थार के रूप में मॉडिफाइड कर दिया गया। ट्रैफिक पुलिस को भी रिकॉर्ड खंगालने के बाद पता चला कि थार के भेष में बोलेरो की आत्मा है। फिलहाल गाड़ी का चालान करके इम्पाउंड किया गया है।
ट्रैफिक डीएसपी सुशील प्रकाश ने बताया कि एक मॉडिफाइड थार जीप का 23 हजार रुपये का चालान करके इम्पाउंड किया गया था लेकिन जब रिकॉर्ड खंगाला गया तो ये 19 साल पुरानी एक बोलेरो गाड़ी निकली जिसको एक्सीडेंट के बाद मोडिफाई करके थार जीप बना दी गई। ट्रैफिक डीएसपी ने ये भी बताया कि जो एजेंसी से गाड़ियां या बाइक आते हैं वो ट्रैफिक नियमों के मानकों के अनुसार बनाए जाते हैं लेकिन उनकी मोडिफिकेशन करवाना ट्रैफिक नियमों के बिल्कुल खिलाफ है जिसका हम चालान करते रहेंगे।