72 करोड रुपए खर्च करने के बाद भी बादशाह खान अस्पताल में नहीं है आग बुझाने के संसाधन

72 करोड रुपए खर्च करने के बाद भी बादशाह खान अस्पताल में नहीं है आग बुझाने के संसाधन

फरीदाबाद/सोहन पोरिया
फरीदाबाद के एकमात्र सरकारी अस्पताल बादशाह खान में नहीं है आग बुझाने के लिए पर्याप्त संसाधन 72 करोड रुपए खर्च होने के बावजूद भी आगजनी की घटना को तुरंत प्रभाव से नहीं रोका जा सकता अभी भी एक करोड़ 74 लाख ख रुपए के काम बाकी वही फायर विभाग से भी नहीं मिली अभी तक फायर एनओसी

बता दें उत्तर प्रदेश के झांसी स्थित सरकारी अस्पताल में निको वार्ड के अंदर आगजनि की घटना के बाद जहां 10 मासूम इस आगजनि की घटना में बे मौत मारे गए इतनी बड़ी घटना होने के बावजूद भी जिले के सरकारी अस्पताल में नहीं है आग बुझाने के पर्याप्त संसाधन हालांकि फायर एग्जिबिशन सिलेंडर सरकारी अस्पताल में लगे जरूर मिले और उनकी तिथि भी दुरुस्त मिली लेकिन यदि कोई बड़ी आगजनी की घटना होती है तो उससे निपटने के लिए सरकारी अस्पताल में पर्याप्त संसाधन नजर नहीं आए आपको बता दे की अभी तक आग बुझाने के संसाधनों के लिए लगभग 72 करोड रुपए की राशि खर्च हो चुकी है लेकिन जमीनी धरातल पर उसका रिजल्ट नजर नहीं आ रहा आज भी एक करोड़ 74 लख रुपए की एस्टीमेट स्वास्थ्य विभाग ने पीडब्ल्यूडी विभाग को भेजा हुआ है इसके बाद आगजनी की घटना को रोकने के लिए अस्पताल में पर्याप्त संसाधन उपलब्ध हो पाएंगे फरीदाबाद के सीएमओ अशोक कुमार ने कहा कि अगले दो से तीन महीना में फायर सिस्टम का काम पूरा हो जाएगा उसके पश्चात फायर विभाग से एनओसी भी ले ली जाएगी,

लेकिन सवाल फिर वही खड़ा होता है कि आखिरकार इतने समय से स्वास्थ्य विभाग और पीडब्ल्यूडी विभाग आंखें मूंदे क्यों सोया हुआ था यदि इस दौरान कोई आगजनी की बड़ी घटना अस्पताल प्रांगण में हो जाती है तो उसे किस तरीके से निपटा जा सकता है और यदि आगजनिक की घटना से कोई क्षति होती है तो उसका जिम्मेदार कौन रहेगा

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