29 जनवरी से 2 फरवरी तक चलने वाले अंतर्राष्ट्रीय सरस्वती महोत्सव का 29 जनवरी को सरस्वती उदगम स्थल आदि बद्री से मुख्यमंत्री नायब सैनी करेंगे उद्घाटन -धूमन सिंह किरमिच

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बिलासपुर/यमुनानगर/मोहित वर्मा
अंतर्राष्ट्रीय सरस्वती महोत्सव 2025 की तैयारियों को लेकर सरस्वती धरोहर स्थल के वाईस चेयरमैन धूमन सिंह किरमिच ने आदिबद्री स्थित गरुड़ टूरिस्ट काम्प्लेक्स के प्रांगण में संबंधित अधिकारियों की बैठक ली। बैठक में उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय सरस्वती महोत्सव 2025 को भव्य रूप से मनाने के लिए आवश्यक दिशा निर्देश दिये। उन्होंने बताया कि हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी अंतर्राष्ट्रीय सरस्वती महोत्सव का विधिवत उद्घाटन करेंगे। साथ ही विभिन्न विकास कार्यों का शिलान्यास व उद्घाटन करेंगे। अंतर्राष्ट्रीय सरस्वती महोत्सव का शुभारम्भ 29 जनवरी को होगा और 2 फरवरी को सरस्वती तीर्थ पेहोवा कुरुक्षेत्र में समापन होगा।

उन्होंने बताया कि सरस्वती सरोवर पर 31 कुंडीय हवन यज्ञ, श्लोक उच्चारण, आरती होगी। विभिन्न स्कूलों के बच्चों द्वारा सरस्वती पर आधारित सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किये जायेंगे। स्कूली स्तर के बच्चों की पेंटिंग प्रतियोगिता का भी आयोजन होगा। मुख्यमंत्री द्वारा प्रतिभागियों को सम्मानित किया जायेगा। उन्होंने इस अवसर पर कहा कि वैदिक सरस्वती, 6000 ईसा पूर्व के दौरान उत्तर-पश्चिम भारत की एक शक्तिशाली और पवित्र नदी थी, जो पंजाब, हरियाणा और राजस्थान से होकर गुजरती थी और अंत में गुजरात तट पर कच्छ के रण में गिरती थी और लगभग 3000 ईसा पूर्व में लुप्त हो गई थी। सरस्वती नदी के तट पर भारतीय संस्कृति के बीज बोए गए थे, जो समय के साथ प्राचीन दुनिया की एक महान सभ्यता के रूप में विकसित हुई। इसे दुनिया के सबसे प्राचीन तीर्थ स्थलों में से एक के रूप में जाना जाता है। वेद, ब्राह्मण और उपनिषद जैसे कई महान साहित्यिक शब्दों की रचना और संकलन इतिहास के सबसे सुदूर हिस्से में सरस्वती नदी और उसकी सहायक नदियों के तट पर किया गया था।

हरियाणा सरस्वती विरासत विकास बोर्ड (॥स्॥ष्ठक्च) का गठन हरियाणा सरकार द्वारा 12 अक्टूबर 2015 को मनोहर लाल खट्टर, मुख्यमंत्री-सह-हरियाणा सरस्वती विरासत विकास बोर्ड के अध्यक्ष की अध्यक्षता में किया गया था। हरियाणा सरस्वती बोर्ड का गठन जिन उद्देश्यों के लिए किया गया था, उनमें सरस्वती नदी का पुनरुद्धार और सरस्वती से जुड़ी विरासत का समग्र व्यापक विकास शामिल है, जिसमें सरस्वती के पैलियो चैनल में पानी के प्रवाह को जारी रखने के लिए बांध, जलाशय और बैराज का निर्माण, मंदिरों का जीर्णोद्धार, आने वाले तीर्थ यात्रियों और पर्यटकों को नागरिक सुविधाएं प्रदान करना और तीर्थों का रख-रखाव शामिल है। गठन के बाद बोर्ड द्वारा सरस्वती नदी के तट पर स्थित कई तीर्थ स्थलों का विकास किया गया है।

सरस्वती परियोजना सरस्वती की बहु विषयक विशेषता और अन्य पहलुओं जैसे नदी के रूप में सरस्वती, सभ्यता के रूप में सरस्वती, प्रौद्योगिकी के रूप में सरस्वती, शिक्षा के रूप में सरस्वती, मनोरंजन के रूप में सरस्वती, प्रौद्योगिकी के रूप में सरस्वती, मनोरंजन के रूप में सरस्वती, दिव्य और सांस्कृतिक पर्यटन के रूप में सरस्वती आदि को भी शामिल करने जा रही है।

इस मौके पर हरियाणा विद्युत रेगुलेटरी कमिशन के सदस्य अधिवक्ता मुकेश गर्ग,उपमंडल अधिकारी बिलासपुर जसपाल सिंह गिल,बिलासपुर के डीएसपी हरविंदर सिंह, जिला शिक्षा अधिकारी धर्मेंद्र, जिला सूचना एवं जनसंपर्क अधिकारी डॉ. मनोज कुमार, सरस्वती हेरिटेज बोर्ड के एक्सईएन नितिन भट्ट, एसडीओ धर्मपाल,जेई रविन्द्र,पब्लिक हेल्थ के एक्सईएन अनिल चौहान ,एसडीई जफऱ इक़बाल, लोक निर्माण विभाग के एसडीओ अजय भाटी,अनुराग जिंदल सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी कर्मचारी मौजूद रहे।