यमुनानगर/मोहित वर्मा
सिक्ख धर्म के दसवें गुरू, गुरू गोबिंद सिंह जी के चार साहिबजादों अजीत सिंह, जुझार सिंह, जोरावर सिंह व फतेह सिंह ने समाज, मानवता, राष्ट्र तथा धर्म की रक्षा करते हुए खुद को हंसते-हंसते बलिदान कर दिया। चार साहिबजादों के इसी बलिदान को याद करते हुए तथा उन्हे श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए हर वर्ष वीर बाल दिवस मनाया जाता है।
इसी श्रृंखला में डी.ए.वी पुलिस पब्लिक स्कूल जगाधरी में भी विद्यार्थियों ने अपने व्याख्यान तथा कविता में बताया कि किस प्रकार गुरु गोबिंद सिंह जी तथा उनका पूरा परिवार निडर होकर मुगलों के सामने डटे रहे। राष्ट्र तथा धर्म की रक्षा के लिए खुद को बलिदान कर दिया किन्तु अन्याय के सामने अपना सिर नहीं झुकाया। विद्यालय की तीसरी कक्षा की छात्रा गुरनक्ष ने कविता प्रस्तुत करते हुए चार साहिबजादों को नमन किया तथा दसवीं कक्षा प्रबनूर ने व्याख्यान प्रस्तुत कर उनके बलिदानों को याद करते हुए श्रद्धा सुमन अर्पित किए। छात्रों को चार साहिबजादों पर आधारित फिल्म भी दिखाई गई जिस से छात्रों को उनके बलिदान का महत्व स्पष्ट रूप में समझाया जा सके।
विद्यालय के प्रधानाचार्य अनूप कुमार चोपड़ा ने भी गुरु गोबिन्द सिंह जी तथा चार साहिबजादों को नमन करते हुए राष्ट्र तथा धर्म की रक्षा के लिए किए गए उनके बलिदानों को याद किया। प्रधानाचार्य ने कहा कि हमारी भावी पीढ़ी को उनके जीवन से सीख लेनी चाहिए कि कभी भी अन्याय या गलत का साथ नही देना चाहिए चाहे कितना भी कठिन मार्ग क्यों न हो हमेशा सच्चाई तथा धर्म का रास्ता ही चुनना चाहिए। सच का साथ देने वाले के मन में किसी प्रकार का डर नहीं होता और अंत में विजय भी सच्चाई की ही होती है।