शीतलहर के कारण सेहत पर हाईपोथर्मिया का खतरा मंडराया, सुबह और शाम मास्क लगा कर निकलें : डॉ. नैत्रपाल

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करनाल/सोहन पोरिया
करनाल सहित विभिन्न जिलों में शीतलहर चलने के कारण तापमान में लगातार गिरावट महसूस की जा रही है। अधिक तापमान गिरने के कारण हाईपा ेथर्मिया का खतरा मंडरा रहा है। अधिक सदभर्् के कारण कार्डियक रेस्ट, हर्ट फैल, अधिक रक्तचाप लकबा, ब्रेन हेमरजे का खतरा मंडारा रहा है। इन मामलों को लेकर देश के जाने माने मैडीसन विशेषज्ञ के साथ कार्डियक स्पेंशलिसट डॉ. नैत्रपाल से बात की।

उन्होंने सुबह और शाम को घरों से बाहर नहीं निकलने की सलाह बुजुर्गों और बच्चों को दी है। उन्होंने अधिक से अधिक गर्म पानी और गर्म पेय का प्रयोग करने को कहा। उन्होंने कहा कि दोपहर में या धूप निकलने पर सैर करें। इस समय इनडोर एक्सरसाइज करें। उन्होंने बताया कि ठंडी हवा के प्रवेश रोकने के लिए दरवाजों तथा खिड़कियों को ठीक से बंद रखें। फ्लू, नॉक बहना/ भरी नाक या नाक बंद जैसी विभिन्न बीमारियों की संभावना आमतौर पर ठंड में लंबे समय तक संपर्क में रहने के कारण होती हैं।

इसलिए इस तरह के लक्षणों से बचाव के लिए आवश्यक सावधानी बरतें तथा डॉक्टर से परामर्श करें। जितना हो सके घर के अंदर रहें और ठंडी हवा, बारिश, बर्फ के संपर्क में आने से बचने के लिए कम से कम यात्रा करें। ऐसे गर्म कपड़े पहनें ताकि ठंड बिल्कुल न लगे। तंग कपडे खून के बहाव को रोकते हैं, इनसे बचें। खुद को सूखा रखें और पानी में भीगने से बचें। शरीर की गरमाहट बनाये रखने हेतु अपने सिर, गर्दन, हाथ और पैर की उंगलियों को पर्याप्त रूप से ढककर रखें। गीले कपड़े तुरंत बदलें। हाथों में दस्ताने रखें।

फेफड़ों को बचाने के लिए मास्क का प्रयोग करें। सिर पर टोपी या मफलर पहने, स्वास्थ्य वर्धक भोजन लें। उन्होंने कहा कि पर्याप्त रोग प्रतिरोधक क्षमता बनाए रखने के लिए विटामिन सी से भरपूर फल और सब्जियां खाएं। गर्म तरल पदार्थ नियमित रूप से पीएं, इससे ठंड से लडने के लिए शरीर की गर्मी बनी रहेगी। बुजुर्ग लोगों, नवजात शिशुओं तथा बच्चों का विशेष ध्यान रखें। ऐसे पड़ोसी जो अकेले रहते हैं, विशेषकर बुजुर्ग लोगों का हाल चाल पूछते रहें। जरूरत के अनुसार ही रूम हीटर का प्रयोग करें, लेकिन रूम हीटर के प्रयोग के दौरान पर्याप्त हवा निकासी का प्रबंध रखें।

बंद कमरों में कोयले को जलाना खतरनाक हो सकता है। क्योंकि यह कार्बन मोनोऑक्साइड जैसी जहरीली गैस पैदा करती है। शराब का सेवन न करें, यह शरीर की गर्माहट को कम करता है, यह खून की नसों को पतला कर देता है, विशेषकर हाथों से जिसमें हाइपोथर्मिया का खतरा बढ़ जाता है। इस दौरान बुजुर्गों और बच्चों को देश के जारने माने फिजीशियन डा. नैत्रपाल ने सलाह दी है कि वह अल सुबह और देर रात सैर नहीं करें। यइि गैर जरूरी काम हो तो घर से बाहर नहीं निकलें।

सुबह के समय बाहर निकलते समय प्रदूषित हवा के काराण छाती में संक्रमण हो सकता हैं। फैंफड़ों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता हैं। उन्होंने कहा कि बुजर्ग के साथ शुगर वीपी और ह्दय रोग से पीडि़त लोगों को सुबह नौ बजे के बाद धूप निकलने पर सैर करना चाहिए। यदि सैर जरूरी है तो इनडोर में भी सैर की जा सकती ळैं। उन्होंने बताया कि नवंवर से लेकर जनवरी तक अल सुबह की सैर से बचना चाहिए।

उन्होंने कहा कि मौसम बदलने के कारण वायरल फीवर का संक्रमण भी बढ़ रहा हैं। उन्होंने कहा कि सुबह और शाम मास्क लगा कर घूमना चाहिए।वहीं पर बाजार के खाने से बचना चाहिए। अधिक से अधिक पानी पीना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस मौसम में स्रक्रमण जल्दी फैलता है क्यों कि प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है। ज्यूसी फल अधिक लेना चाहिए। उन्होंने बताया कि इस दौरान स्मोग के कारण लोगों को सुबह सांस लेने में परेशानी हो सकती हैं।