यमुनानगर/मोहित वर्मा
हरिद्वार में श्रद्धा और विश्वास का प्रतीक दिव्य ज्योति कलश शांतिकुंज में 100 वर्षों से अखंड दीपक ज्योति के रूप में प्रज्वलित हो रही है। जन-जन में सद्बुद्धि और घर-घर गायत्री और यज्ञ की स्थापना को लेकर बुधवार को यमुनानगर जिले की सीमा कलानौर में प्रवेश करेगी। यहां से यमुनानगर जिले की दिव्य ज्योति कलश यात्रा प्रारंभ होगी।
यह जानकारी गायत्री शक्तिपीठ, यमुनानगर के मुख्य ट्रस्टी रविन्द्र कुमार ने प्रेस वार्ता में जानकारी देते हुए बताया। इसको लेकर मंगलवार को आवश्यक तैयारी को अंतिम रूप दिया गया। दिव्य ज्योति कलश यात्रा के दौरान विभिन्न धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन होगा। दूषित एवं विषाक्त वातावरण का परिमार्जन करके विशुद्ध आध्यात्मिक ऊर्जा का संचरण एवं कुटुता तथा वैमनस्यता को समाप्त करने आत्मीयता एवं प्यार भरे वातावरण को सृजित करने के उद्देश्य को लेकर बुधवार को यमुनानगर में दिव्य ज्योति कलश यात्रा प्रवेश करेगी। यह यात्रा जिले में 21 दिसंबर तक जिले के विभिन्न गांवों में चलेगी। उसके पश्चात यह यात्रा करनाल जिले में प्रवेश करेगी।
इस प्रकार पूरे हरियाणा के भ्रमण के बाद पंजाब, हिमाचल और जम्मू कश्मीर की यात्रा पूर्ण करके वापस हरिद्वार पहुचेंगी। इसके उपलक्ष में देशभर के विभिन्न राज्यों के लिए दिव्य कलश यात्रा का आयोजन किया जा रहा है। दिव्य कलश यात्रा से अपनी संस्कृति को जन जन तक पहुंचाने का उद्देश्य है। इस मौके पर ओमप्रकाश सैनी, राम छबीला, कंवरपाल राणा, अशोक कुमार, गंगाधर बैनीवाल, नवनीत राणा, योगेन्द्र गुप्ता, मुकेश कुमार आदि उपस्थित रहे।