इफको नैनो मॉडल ग्राम दयानगर में किया गया किसान सभा का आयोजन

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करनाल/सोहन पोरिया
इफको द्वारा इफको नैनो मॉडल ग्राम दयानगर में नैनो उर्वरक जागरूकता अभियान के अन्तर्गत किसान सभा का आयोजन किया गया। इफको के वरिष्ठ क्षेत्र प्रबंधक डॉ. निरंजन सिंह ने बताया कि इफको ने जिले में निगदु ग्राम को नैनो मॉडल ग्राम कलस्टर बनाया है जिसमें पांच गांव निगदू, करसाडोड, कोयर, दयानगर व माजरा रोडान आते हैं।

इन गांवों में इफको नैनो उर्वरकों के प्रयोग को प्रोत्साहन देने के लिए नैनो यूरिया, नैनो डीएपी व सागरिका के साथ ड्रोन स्प्रे के कुल खर्च पर इफको द्वारा 25 प्रतिशत अनुदान दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि इन गांवों के किसान इफको किसान बाजार निगदू में आकर अपना रजिस्ट्रेशन करवा कर यहां से अनुदान प्राप्त कर सकते हैं। उन्होने यूरिया प्लस व नैनो डीएपी के महत्व के बारे में किसानों से विस्तार से चर्चा की।

डॉ. निरंजन सिंह ने नैनो यूरिया प्लस के बारे में चर्चा करते हुए बताया कि नैनो यूरिया प्लस यूरिया का विकल्प है व इसका प्रयोग एक महीने में फसल पर 500 मिली बोतल को 125 लीटर पानी में एक एकड़ में स्प्रे किया जायेगा, इसलिए इसकी प्रयोग क्षमता परम्परागत यूरिया से अधिक है। पौधे पत्तों व तने के माध्यम से इसको अवशोषित कर लेते हैं। यूरिया की तरह नैनो यूरिया भूमिगत जल, जमीन व वातावरण को प्रदूषित नहीं करता। उन्होंने बताया की नैनो डीएपी भी परंपरागत डीएपी का विकल्प है व यह भी फसलों की उत्पादकता बढ़ाने में कारगर है। यह परंपरागत डीएपी से सस्ता है।

नैनो डीएपी 500 मिली एक एकड़ में प्रयोग होता है, जो 250 मिली मात्रा बीज 5 मिली प्रति किलो बीज या कंद, पनीरी, पौध 5 मिली प्रति लीटर पानी में इस्तेमाल होगा व बचा 250 मिली 100 लीटर पानी में मिलाकर 30-35 दिन की फसल पर स्प्रे करना है। उन्होंने बताया कि इफको द्वारा नैनो उर्वरकों के छिडक़ाव के लिये ड्रोन की सुविधा भी किसानों को उपलब्ध करवाई जा रही है। जहां किसान अपने खेत में ड्रोन से स्प्रे करवा सकते हैं । उन्होंने जल विलय उर्वरक, सागरिका, जैव उर्वरकों की प्रयोग विधि, प्रयोग मात्रा आदि के बारे में जानकारी दी। इस कार्यक्रम में 48 किसानों ने भाग लिया।