डिजिटल डेस्क –
आफ्टर मार्केट एलईडी बल्ब लगवाने वालों की खैर नहीं है क्योंकि इसे लेकर यातायात पुलिस आपसे मोटा जुर्माना वसूल सकती है। मोटर व्हीकल एक्ट के अनुसार ऐसा करना अवैध है और इसे लेकर जुर्माने का प्रावधान है।
बहुत से लोग कार या बाइक खरीदने के बाद शौकिया तौर पर उनमें आफ्टर मार्केट एलईडी लाइट लगवा लेते हैं। यह प्रचलन पिछले 5 सालों में बहुत ज्यादा देखने को मिला है। इसका क्रेज ज्यादातर युवाओं में ज्यादा देखने को मिलता है। ऐसे लोगों को देखकर बाकी लोग भी अपनी गाड़ी में बाहर से एलईडी लाइट लगवा लेते हैं।
लेकिन अब आफ्टर मार्केट एलईडी बल्ब लगवाने वालों की खैर नहीं है क्योंकि इसे लेकर यातायात पुलिस आपसे मोटा जुर्माना वसूल सकती है। क्योंकि यह रोड़ एक्सीडेंट का भी सबसे बड़ा कारण है। जिस पर सरकार को पूरी तरह से लगाम लगानी चाहिए।
इन दिनों कार में व्हाइट लाइट का फैशन जोरों पर चल रहा है, कुछ कंपनियां तो अपनी गाड़ियों में इन्हें दे ही रही है लेकिन जिन गाड़ियों में यह नहीं होती है उनमें लोग बाजार से खरीदकर लगवा लेते हैं।
इससे फोकस भी अच्छा आता है और रोशनी ज्यादा फैलती है। आपको बता दें कि हैलोजन लैंप्स गाड़ी में लगाना लीगल होता है तो वहीं कंपनी फिटेड एलईडी लाइट भी लीगल होती है। हालांकि आफ्टर मार्केट लगाई जाने वाले प्रोजेक्टर हैडलैंप्स लीगल नहीं होते हैं।
इस पर चालान का प्रावधान है और पुलिस इसको लेकर 500 रुपये से लेकर 1000 रुपये तक का चालान काटा जा सकता है। साथ ही एचआईडी लाइट्स लगाना भी लीगल नहीं हैं। किसी भी कार में 72 वाट से ज्यादा का बल्ब नहीं लगाया जा सकता है।
पुलिस अगर आपकी गाड़ी रोकती है और हेडलाइट का एक एक्स्ट्रा बल्ब न होने पर आपका चालान काट देती है तो हैरान होने की कोई आवश्यकता नहीं है। दरअसल, मोटर व्हीकल एक्ट के अनुसार गाड़ी में एक एक्स्ट्रा बल्ब रखना जरूरी होता है।
जी हां, आपकी गाड़ी की हेडलाइट सही है फिर भी वाहन में 1 एक्स्ट्रा बल्ब होना जरूरी है। ऐसा न होने पर यह मोटर व्हीकल एक्ट का उल्लंघन है। यह प्रावधान रात के वक्त हेडलाइट का बल्ब खराब होने पर उसे बदलने के लिए किया गया है।
लेकिन अब आफ्टर मार्केट एलईडी बल्ब लगवाने वालों की खैर नहीं है क्योंकि इसे लेकर यातायात पुलिस आपसे मोटा जुर्माना वसूल सकती है। क्योंकि यह रोड़ एक्सीडेंट का भी सबसे बड़ा कारण है। जिस पर सरकार को पूरी तरह से लगाम लगानी चाहिए।