प्रदेश में सफलतापूर्वक आयोजित किया गया हमारा शौचालय-हमारा सम्मान अभियान : निदेशक जय कृष्ण अभीर

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करनाल/सोहन पोरिया
ग्रामीण विकास, हरियाणा के निदेशक जय कृष्ण अभीर ने कहा कि 19 नवंबर को विश्व शौचालय दिवस के मौके पर शुरू किया गया हमारा शौचालय-हमारा सम्मान अभियान सफलता पूर्वक पूरे प्रदेश में आयोजित किया गया। इस अभियान में आमजन ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। अभियान का उद्देश्य स्वच्छता और सुरक्षित स्वच्छ शौचालयों तक पहुंच के बारे में जागरूकता बढ़ाना था। पंचायतों में बड़े स्तर पर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए गए।

उन्होंने कहा कि हरियाणा में शौचालय के उपयोग और स्वच्छता स्थिरता के महत्व को सुदृढ करने के लिए ग्रामीण विकास विभाग (आर०डी०डी०) के नेतृत्व में सभी जिलों में व्यापक प्रयासों के साथ अभियान चलाया गया। कुल 135 जिला स्तरीय सूचना, शिक्षा एवं संचार व व्यवहार परिवर्तन सुधार कार्यक्रम आयोजित किए गए, जिसमें 14,748 प्रतिभागियों ने भाग लिया, जबकि 612 पंचायत-स्तरीय कार्यक्रमों में 37,910 प्रतिभागियों ने भाग लिया। इन गतिविधियों ने समुदायों को एकजुट किया और सार्वजनिक स्वास्थ्य और सम्मान के लिए स्वच्छता के महत्व पर जोर दिया।

घरेलू शौचालय मंजूरी पत्र किए गए वितरित –
निदेशक जय कृष्ण अभीर ने कहा कि सभी जिलों में पंचायत स्तर पर लाभार्थियों को 1599 व्यक्तिगत घरेलू शौचालय मंजूरी पत्र वितरित किए गए, जिससे पात्र परिवार शौचालय बनाने में सक्षम हो सके। 679 स्वच्छता कार्यकर्ताओं / सफाई कर्मचारियों को उनमें योगदान के लिए सम्मानित किया गया। शौचालय के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए राज्य जिला और ग्राम पंचायत स्तरीय व्यवहार परिवर्तन अभियान शुरू किए गए, जिसमें 38,000 से अधिक लोग शामिल हुए। इन अभियानों का उद्देश्य खुले में शौच मुक्त के प्रति दृष्टिकोण बदलना और निरंतर स्वच्छता प्रथाओं को बढ़ावा देना है।

प्रदेश के सभी लोग करें टॉयलेट का इस्तेमाल –
निदेशक जय कृष्ण अभीर ने कहा कि उनका लक्ष्य है कि प्रदेश के सभी 100 प्रतिशत लोग टॉयलेट का इस्तेमाल करें। कोई भी व्यक्ति खुले में शौच न जाए। इसी लक्ष्य को ध्यान में रखकर इस तरह के कैंपेन आयोजित किए जाते हैं। यह अभियान 19 नवंबर, 2024 को शुरू हुआ और 10 दिसंबर, 2024 को मानव अधिकार दिवस के अवसर पर समाप्त हुआ, जिसमें स्वच्छता और मानव अधिकारों के बीच संबंध पर प्रकाश डाला गया। हरियाणा के प्रयासों ने रेखांकित किया कि सुरक्षित, स्वच्छ शौचालय तक पहुंच केवल सार्वजनिक स्वास्थ्य का मामला नहीं है बल्कि एक मौलिक मानव अधिकार है। राज्य के व्यापक दृष्टिकोण का उद्देश्य ग्रामीण हरियाणा की उचित स्वच्छता तक पहुंच सुनिश्चित करना है। साथ ही मौजूदा शौचालयों की कार्यक्षमता को भी बढ़ाना है।