डिजिटल डेस्क हरियाणा 24 न्यूज नेटवर्क : –
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल कर रहे किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल को अस्पताल में भर्ती करने का निर्णय पंजाब सरकार के अधिकारियों और डॉक्टरों पर छोड़ दिया। जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस उज्जल भुयान की बेंच ने कहा कि डल्लेवाल के स्वास्थ्य की देखभाल करना पंजाब सरकार की जिम्मेदारी है। डल्लेवाल 24 दिनों से अधिक समय से अनशन पर हैं।
शीर्ष अदालत ने पंजाब के चीफ सेक्रेटरी और स्वास्थ्य अधिकारियों से डल्लेवाल की मेडिकल कंडिशन पर 2 जनवरी तक रिपोर्ट मांगी और कहा कि यदि जरूरत हो, तो राज्य सरकार कोर्ट से संपर्क कर सकती है। शीर्ष अदालत ने कहा कि 70 साल के किसान नेता डल्लेवाल को खनौरी सीमा पर विरोध स्थल से 700 मीटर की दूरी पर बने अस्थायी अस्पताल में ट्रांसफर किया जा सकता है।
पंजाब के एडवोकेट जनरल गुरमिंदर सिंह ने मुख्य सचिव की ओर से किसान नेता की मेडिकल कंडिशन पर एक आश्वासन दिया और कहा कि जबरन उन्हें उनके स्थान से हटाने से उन्हें आघात हो सकता है और स्थिति खराब हो सकती है। बेंच ने कहा कि अधिकारी उन्हें अस्पताल ले जाने के लिए मनाने के प्रयास जारी रख सकते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को साफ किया कि किसान नेता डल्लेवाल की सेहत को स्थिर रखना और स्थिति सुनिश्चित करना पंजाब प्रशासन की पूरी जिम्मेदारी है। जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस उज्जल भुयान की बेंच ने मामले की सुनवाई की और पंजाब के चीफ सेक्रेटरी और चिकित्सा बोर्ड के अध्यक्ष से अगली सुनवाई की तारीख तक एक एफिडेविट पेश करने का निर्देश दिया। इसमें डल्लेवाल की स्वास्थ्य स्थिति और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उठाए गए कदमों का ब्योरा शामिल होगा।
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस उज्जल भुयान की बेंच ने पंजाब सरकार के एडवोकेट जनरल गुरमिंदर सिंह से यह सुनिश्चित करने के लिए एक लिखित आश्वासन दाखिल करने को कहा कि डल्लेवाल को खनौरी सीमा पर विरोध स्थल के पास बनाए गए अस्थायी अस्पताल में शिफ्ट किया जा सकता है। इस दौरान एडवोकेट जनरल सिंह ने कोर्ट को बताया कि गुरुवार को किसान नेता ने सहयोग किया और ईसीजी और ब्लड टेस्ट सहित अन्य टेस्ट कराए।
उन्होंने कहा कि डल्लेवाल की स्वास्थ्य स्थिति फिलहाल स्थिर लग रही है। अदालत ने कहा कि पंजाब राज्य की पूरी जिम्मेदारी है कि वह डल्लेवाल की स्थिर स्वास्थ्य स्थिति सुनिश्चित करे। डल्लेवाल की स्वास्थ्य स्थिरता पर एक नई चिकित्सा रिपोर्ट और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उठाए गए कदमों की जानकारी पंजाब के चीफ सेक्रेटरी और चिकित्सा बोर्ड के अध्यक्ष की ओर से पेश की जाएगी। अदालत ने यह भी कहा कि पूर्व के आदेशों में दिए गए निर्देशों का पालन जारी रहेगा।
मामले को अनुपालन रिपोर्ट के लिए 2 जनवरी, 2025 को लिस्ट किया गया है, और अगर आवश्यक हो, तो इस बीच अदालत से संपर्क करने की अनुमति दी गई है। सुनवाई के दौरान पंजाब सरकार की ओर से बताया गया कि ईसीजी सामान्य है, ब्लड टेस्ट में ज्यादातर मानक ठीक हैं। हालांकि यूरिक एसिड बढ़ा हआ है।
अन्य टेस्ट के बारे में भी जानकारी दी गई। आदेश पारित करते समय अदालत ने इस तथ्य को ध्यान में रखा कि गुरुवार को पेश एक मेडिकल रिपोर्ट के अनुसार, डल्लेवाल का स्वास्थ्य दिन-प्रतिदिन बिगड़ रहा है और चिकित्सा विशेषज्ञों के अनुसार उन्हें अस्पताल में भर्ती करने की आवश्यकता है। अदालत ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से आग्रह किया कि अनशन कर रहे नेता को अस्पताल में भेजने का आदेश पारित किया जाए, क्योंकि उनका स्वास्थ्य बिगड़ रहा है। हालांकि, पंजाब के महाधिवक्ता ने कहा कि जबरन आदेश देना जमीनी स्थिति में कठिनाइयां उत्पन्न कर सकता है।